Termination and Renunciation of Indian Citizenship
Hello दोस्तों Gyaan Uday में आपका स्वागत है । आज हम बात करते है, भारत में नागरिकता की समाप्ति के बारे में । जानेंगे उन कारण और दशाओं के बारे में जिनके कारण नागरिकता खत्म हो जाती है और वह व्यक्ति विशेष भारत का नागरिक नहीं रहता ।
जैसा कि आप को पता है, 26 जनवरी 1950 भारतीय संविधान लागू होने की तिथि के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति – जन्म से ही भारतीय नागरिक है । –
किसी व्यक्ति विशेष का भारतीय नागरिकता से अन्त मुख्य रूप से नीचे लिखे 3 कारणों से हो सकता है –
1 स्वेच्छिक नागरिकता परित्याग करने से
यदि कोई वयस्क व्यक्ति अपनी इच्छानुसार भारतीय नागरिकता के परित्याग की घोषणा करता है, तो वह घोषणा विशेष अधिकारी द्वारा पंजीकृत कर ली जायेगी और वह व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं रहेगा यानी उसकी नागरिकता खत्म हो जायेगी । इसके साथ ही उस व्यक्ति के नाबालिग बच्चों की भारतीय नागरिकता भी समाप्त हो जायेगी ।
पढ़े :: भारतीय संविधान के भाग Parts of Indian Constitution
2 स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार कर लेने से
यदि कोई भारतीय नागरिक अपनी इच्छा से, नागरिक पंजीकरण, देशीयकरण या अन्य किसी प्रकार से किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर लेता है, तो ऐसी स्थिति में वह भारत का नागरिक नहीं रहेगा और उसकी नागरिकता समाप्त कर दी जायेगी ।
3 सरकार द्वारा नागरिकता से वंचित करना
भारत सरकार निम्नलिखित कारणों के आधार पर किसी व्यक्ति को उसकी नागरिकता से वंचित कर सकती है –
पढ़े :: भारतीय संविधान की प्रस्तावना Preamble of Indian Constitution
अ – फर्जी तरीके से (असत्य अभिलेख) द्वारा ली गयी नागरिकता
यदि किसी व्यक्ति ने धोखा देकर या गलत बयान देकर या आवश्यक बातों को छिपाकर नागरिकता प्राप्त कर ली है तो सही जानकारी प्राप्त होने पर उसकी नागरिकता समाप्त की जा सकती है।
ब – संविधान के प्रति अनादर
यदि किसी व्यक्ति विशेष ने भारतीय संविधान के प्रति अनादर दिखाया हो या संविधान की के प्रति द्वेष की भावना रखता हो ।
पढ़े :: संविधान का पुनर्गठन Reorganization of Constitution
स – देशद्रोह से
यदि किसी व्यक्ति ने युद्ध के दौरान दुश्मन से गैरकानूनी तरीके से संबंध स्थापित किये हैं या किसी नागरिक ने भारत के प्रति देशद्रोह किया है, या युद्ध के समय शत्रु की सहायता की है ।
ड – किसी दूसरे देश में दीर्घ प्रवास से (विदेश में बसना)
यदि कोई व्यक्ति भारत सरकार की अनुमति के बिना लगातार सात वर्ष तक विदेश में रहे और विदेश के भारतीय दूतावास में अपनी भारतीय नागरिकता बनाये रखने की इच्छा से प्रतिवर्ष पंजीकरण भी न कराये तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त की जा सकती है ।
पढ़े :: भारतीय संविधान का विकास Development of Constitution
ई – किसी देश मे सज़ा के अपराध से
यदि किसी व्यक्ति ने पंजीकरण या देशीयकरण से नागरिकता प्राप्त की है और नागरिकता प्राप्त करने के पांच वर्ष के भीतर किसी देश में उसे कम-से-कम दो वर्ष की सजा हुई है, तो उसकी नागरिकता समाप्त की जा सकती है ।
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सरकार द्वारा किसी व्यक्ति की नागरिकता को खत्म किये जाने से पहले उस व्यक्ति विशेष को अपनी सफाई देने का पूरा अवसर दिया जायेगा । इसके बाद उपरोक्त दशाएं पूर्ण होने पर या अपराध साबित होने पर उसकी नागरिकता समाप्त कर दी जायेगी ।
राष्ट्रमण्डलीय नागरिकता : –
नागरिकता अधिनियम की एक प्रमुख विशेषता यह है कि राष्ट्रमण्डल के सदस्य देशों के नागरिकों को भारत की राष्ट्रमण्डलीय नागरिकता प्राप्त होगी । केन्द्रीय सरकार पारस्परिक के आधार पर राष्ट्रमण्डलीय देशों के नागरिकों को भारतीय नागरिकता के कुछ अधिकार प्रदान कर सकती है।
पढ़े :: रियासतों का एकीकरण और विलय के बारे में
तो दोस्तो ये था आपका भारतीय नागरिकता की समाप्ति किन दशाओं में होती है । अगर ये Post अच्छी लगी तो दोस्तों के साथ Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!