Causes of impact of World War-II
Hello दोस्तों ज्ञानोदय ने आपका एक बार फिर स्वागत है । आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, वह कौन कौन से कारण थे जिसके कारण द्वितीय विश्व युद्ध हुआ और उसके क्या प्रभाव हुए । जैसा कि आप जानते हैं कि द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले प्रथम विश्वयुद्ध भी हुआ था, जो 1914 से 1918 तक चला । द्वितीय विश्व युद्ध में लगभग तीस करोड़ लोग इसमें शामिल हुए । इसमें मिलिट्री भी थी । सिविलियन भी थे । इसमें बहुत ज़्यादा तादात में लोग मारे गए लगभग 7 करोड़ 50 लाख । जिनमें 2 करोड़ सैनिक, 4 करोड़ Civilians थे, बाकी के लोग जिनका नरसंहार हुआ, बम गिराय गए, बीमारी या भुखमरी के शिकार हुए । इसके अलावा दो करोड़ लोग जख्मी भी हुए थे । तो आप इस हिसाब से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें जान और माल का कितना बड़ा नुकसान हुआ था ।
आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारण क्या थे ? जिसके कारण यह द्वितीय विश्व युद्ध हुआ ।
1 मित्रराष्ट्रों का साथ आना (Alliance )
सबसे पहला और बड़ा कारण मित्रराष्ट्रों का साथ आना माना जाता है । जब भी कोई लड़ाई होती है, तो यह Alliance System बहुत ही घातक होता है, क्योंकि इससे 2 देशों की लड़ाई, कई देशों में भी फैल जाती है । अलायंस होने के कारण भी और दूसरे देश भी इसमें हिस्सा लेते हैं ।
द्वितीय विश्व युद्ध में दो ग्रुप थे ।
I एक्सेस पावर (Axis Powers) और दूसरा था
II एलाइड पावर (Allied Powers)
एक्सिस पावर में जर्मनी, इटली और जापान थे और दूसरा एलाइड पावर्स में ब्रिटेन, फ्रांस और रूस थे और बाद में इसमें United States भी शामिल हो गया था ।
जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया । पर रसिया को इस बात का खतरा हुआ कि जर्मनी, रशिया पर भी हमला करेगा । रसिया ने जर्मनी पर जवाबी हमला कर दिया । रसिया, फ्रांस के साथ था और फ्रांस, ब्रिटेन के साथ यानी यह तीनों देश अलायंस में थे । तो जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया तो रूस ने जर्मनी पर हमला किया और दूसरी तरफ से फ्रांस ने भी जर्मनी पर हमला कर दिया और दूसरी तरफ से United Kingdom ने भी जर्मनी पर अटैक कर दिया । क्योंकि यह 3 देश तो आपस में Alliance में थे ।
इसके अलावा जर्मनी की तरफ से Alliance में जापान था । जापान उस समय बहुत शक्तिशाली था । इसकी अर्थव्यवस्था काफी बड़ी थी । सैनिक रूप से भी यह शक्तिशाली था । यहां पर हम बात कर रहे हैं, Alliance की । अगर ये Alliance ना होते तो, इसमें मित्रराष्ट्र भाग न लेते । उस समय जर्मनी ने पोलैंड पर हमला किया था, तो रसिया ने जर्मनी पर हमला कर दिया । तो यह युद्ध सिर्फ जर्मनी और रूस में होता बाकी देश का इस युद्ध में शामिल होना जरूरी नहीं था । इसका निष्कर्ष निकलता की देश आपस मे युद्ध करने की बजाय वह युद्ध रुकवाने की कोशिश करते । और ये युद्ध आगे न बढ़ता यहीं खत्म हो जाता । तो Alliance इस युद्ध की बहुत बड़ी वजह मानी जाती है ।
2 वर्साय की संधि (Treaty of Versailles)
दूसरा बड़ा कारण वर्साय की संधि को माना जाता है । प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी पर बहुत सारी पाबंदी लगाई गई थी । प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी को भी हार मिली थी । इसीलिए जर्मनी पर बहुत सारे मिलिट्री Restrictions लगाई गई थी । इसके अलावा उसको हर्जाने के रूप में बड़ी राशि देनी पड़ी लगभग 6600 मिलियन पाउंड । इसके अलावा जो मिलिट्री थी उसे 100000 तक ही सीमित रखा गया । जर्मनी को यह पाबंदी लगाई थी कि जर्मनी अपने Naval आर्मी की संख्या सीमित रखेगा । जर्मनी अपनी submarine नहीं रख सकता । जर्मनी पर यह पाबंदी भी लगाई गई कि वह एयरफोर्स भी नहीं रख सकता । जर्मनी से उसकी लगभग 11% जमीन ले ली गई । इसके अलावा जर्मनी की कॉलोनी थी वह प्रथम विश्वयुद्ध के बाद खत्म कर दी गई ।
इस संधि को बदले की संधि के रूप में भी जाना जाता है । अब इस संधि ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपना किस तरीके से प्रभाव डाला । उस समय जर्मनी काफी बड़ा शक्तिशाली देश था । अगर आप उससे उसकी 11% जमीन छीन ले, सभी कॉलोनियों को ले ले और उसे सैनिक पाबंदी लगा दें और उस पर एक मोटी रकम का जुर्माना लगा दे । एक तरीके से यह बदल लिया गया था । अब वह दोबारा से उसको अपने आप को उस स्थिति पर जाने में कितना वक्त लगेगा । मतलब यह सारी चीजें उसको दोबारा से करनी पड़ेगी । इस तरीके से इस बात को भी द्वितीय विश्वयुद्ध के बड़ा कारण माना जाता है ।
3 हिटलर का उदय (Rise of Hitler)
हालांकि इसकी बहुत ज्यादा जानकारी आपको राइज ऑफ़ हिटलर में मिलेगी । हिटलर एक तानाशाह था, जर्मनी का चांसलर था, जो 1933 में बना था । जब यह चांसलर बना था, तो इसने 1935 में जर्मनी में सैनिक सेवा को पुरुषों के लिए अनिवार्य कर दिया । यानी देश का हरेक नोजवान सेना में भर्ती हो । उसका उद्देश्य अपनी सैनिक शक्ति को मजबूत करना था । इसके अलावा 1936 में हिटलर ने दो Alliances बनाए ।
पहला Alliance इटली के साथ किया ।
दूसरा Alliance जापान के साथ बनाया ।
इसके बाद मार्च 1938 में जर्मनी ने आस्ट्रिया पर हमला कर दिया । इसको अपनी राजधानी बना लिया यानी उसने अपने देश में शामिल कर लिया । इसके बाद जर्मनी ने पोलैंड पर हमला कर दिया । इसी से द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई । 1938 में में ऑस्ट्रिया पर कब्जा करने के बाद 1939 हिटलर ने पोलैंड पर हमला कर दिया । जिससे द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाती है । तो राइज ऑफ़ हिटलर का द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत बड़ा हाथ माना जाता है ।
4 लीग ऑफ नेशन्स की असफलता Failure of League of Nations)
लीग ऑफ नेशन का भी फेल होना भी द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने का एक कारण माना जाता है । लीग ऑफ नेशन फेल कैसे हुआ ? हालांकि league of Nations के फैल होने के कई कारण थे । शुरुआत में League में कोई भी सुपर पावर देश शामिल नहीं था । जिस तरह आज का यूनाइटेड नेशन है । उस समय यह बहुत ही कमजोर था, वर्तमान में इसके 193 सदस्य हैं । तो अब आज के समय में यह काफी मज़बूत संस्था है । इसमें रशिया, जापान, अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड सभी यूनाइटेड नेशंस के सदस्य हैं । लेकिन लीग ऑफ नेशन में सबसे बड़ी कमी यह थी कि अमेरिका इसका सदस्य नहीं था, रसिया साथ था लेकिन बाद में नहीं हट गया । यानी इसके साथ जो शक्तिशाली देश पहले थे, वह हट गए थे ।
इसके अलावा लीग ऑफ नेशंस के पास अपनी कोई सेना नहीं थी । लीग ऑफ नेशन का एक महत्वपूर्ण अंग था, अंतराष्ट्रीय न्यायालय । इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस । अगर League of Nations किसी के खिलाफ कोई फैसला लेती है या कोई कार्यवाही करती है, तो उसके पास अपनी कोई सेना नहीं होती थी कि वह अपने फैसले का पालन करवा सके । तो इस तरीके से जब युद्ध हुआ तो इस बात का पक्का संदेह हो गया कि लीग ऑफ नेशन फेल हो चुका हैं । जबकि इसका सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि भविष्य में किसी भी तरीके के युद्ध को रोका जाए और शांति कायम की जाए । जबकि द्वितीय विश्वयुद्ध का होना लीग ऑफ नेशन का फेल होने है क्योंकि उस समय मे यह उन शक्तिशाली देशों को जोड़ने में नाकामयाब रही और शान्ति की स्थापना नहीं कर पाई ।
5 अर्थव्यवस्थाओं का ध्वस्त होना (Downfall in Economies)
इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध का कारण अर्थव्यवस्थाओं का गिरना भी था । आप जानते हैं कि प्रथम विश्वयुद्ध 1914 से 1918 तक चलता रहा । इसके अलावा द्वितीय विश्वयुद्ध 1939 में शुरू हुआ । जर्मनी के द्वारा पोलैंड पर हमला करके शुरू किया । तो इनके बीच का जो समय रहा लगभग 1930 के आसपास, वह महामंदी का समय था जिसे ग्रेट डिप्रेशन (Great Depression) कहा जाता है । इसमें क्या हुआ कि पूरी दुनिया में बहुत ज्यादा मुद्रास्फीति आई और दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्थाएं ढह गई । बहुत बड़ा इकोनामिक क्राइसिस (Economic Crisis) आ गया । स्टॉक एक्सचेंज क्रैश हो गया । इसके अलावा वर्ल्ड ट्रेड बहुत ज्यादा कम हुआ । उसमें कमी देखी गई । पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बहुत ज्यादा निम्न स्तर पर आ गई ।
दुनिया में इस तरीके के बहुत सारे व्यापार जो पूरी तरह से इस ग्रेट डिप्रेशन की वजह से रुक गए, क्योंकि देशों के पास वह पैसा नहीं था, जो अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने में लगा सके । अर्थव्यवस्था में इस तरह की गिरावट द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण कैसे बना ? यह समझने वाली बात है । उस वक्त जिस तरीके से लीग ऑफ नेशन फेल हुआ था, उसी तरह दुनिया की अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई । यह भी लीग ऑफ नेशन से सम्बंद रखता है । नेशन का एक महत्वपूर्ण अंग इंटर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस था । लीग ऑफ नेशन जब भी किसी देश के खिलाफ कोई एक्शन लेती थी, तो वह देश उस पर अमल नही करता था । क्योंकि उस देश पर बहुत सारी इकनोमिक पाबंदी लगाई जाती थी । इस तरह वह देश लीग ऑफ नेशन से हट जाता था ।
होता यह था कि जो देश शक्तिशाली होता था । अगर वह कोई भी गलत काम कर दे तो उस पर Restrictions नहीं लगाई जाती थी । इसके बावजूद जो छोटे देश थे अगर वह कोई गलत काम करता था तो उस पर Restrictions लगा दी जाती थी और उसको मानना पड़ता था । लेकिन जो देश Power में थे, उन पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाती थी । तो वह उसका पालन नहीं करते थे । इस तरीके से इकनोमिक फॉल डाउन होने लगी । जिसे द्वितीय विश्व युद्ध का एक कारण माना जाता है ।
तो दोस्तों ये थे कुछ कारण और प्रभाव जो द्वितीय विश्वयुद्ध होने में सहायक बने । अगर ये Post आपको अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!