Hello दोस्तों Gyaanuday में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं, भारतीय संविधान के लागू होने के बाद नागरिकता से संबंधित व्यवस्था के बारे में । इससे पहले हम नागरिकता की व्यवस्था के बारे में जान सकते हैं । जो कि संविधान में अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक भारतीय नागरिकता के बारे में बताया गया है । जानने के लिए नीचे Link पर Click करें ।
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निम्नलिखित व्यक्तियों को संविधान के अनुसार सभी विषयों में नागरिकता से संबंधित व्यवस्था प्रदान की जाती है और संविधान उसकी व्याख्या करता है ।
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955
भारतीय संविधान द्वारा संसद को यह अधिकार दिया है कि वह भारतीय नागरिकता से सम्बन्धित सभी विषयों के सम्बन्ध में व्यवस्था करे । सन 1955 में संसद द्वारा ’भारतीय नागरिकता अधिनियम’ पारित किया । इस अधिनियम में स्पष्ट किया गया है कि भारतीय नागरिकता की प्राप्ति किस प्रकार होगी तथा किन परिस्थितियों में भारतीय नागरिकता का अन्त हो जाएगा ।
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार नागरिकता की प्राप्ति के नीचे बताये गए किसी एक आधार का होना आवश्यक है ।
1 जन्म से-प्रत्येक व्यक्ति
जिसका जन्म संविधान लागू होने अर्थात् 26 जनवरी, 1950 को या उसके पश्चात् भारत में हुआ हो । वह जन्म से भारत का नागरिक होगा । (कुछ अपवादों जैसे राजनयिकों तथा शत्रु विदेशियों के बच्चे भारत के नागरिक नहीं माने जायेंगे ) ।
2 रक्त सम्बन्ध या वंशाधिकार
संविधान लागू होने के बाद भारत के बाहर जन्मा कोई भी व्यक्ति, किसी भी अपेक्षाओं के अधीन रहते हुए भारत का नागरिक होगा, यदि उसके जन्म के समय उसकी माता या पिता भारत के नागरिक रहे हों ।
3 पंजीकरण द्वारा
वह व्यक्ति पंजीकरण के आधार पर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं, जो 26 जुलाई, 1947 के बाद पाकिस्तान से आए हैं, उस दशा में भारतीय नागरिक माने जायेंगे । जब वे आवेदन-पत्र देकर अपना नाम ’भारतीय नियुक्ति अधिकारी’ के पास नागरिकता के रजिस्टर में दर्ज करा लें । परन्तु ऐसे लोगों के लिए शर्त यह होगी कि आवेदन-पत्र देने से पूर्व कम-से-कम 6 माह से भारत में रहते हों तथा उनका या उनके माता-पिता अथवा दादा-दादी का जन्म अविभाजित भारत में हुआ हो ।
i ऐसे भारतीय जो विदेशों में जाकर बस गए हैं, भारतीय दूतावासों में आवेदन-पत्र देकर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे ।
ii विदेशी स्त्रियां, जिन्होंने भारतीय नागरिकों से विवाह कर लिया हो, आवेदन-पत्र देकर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकेंगी ।
iii भारतीय नागरिकों के नाबालिग बच्चे ।
iv राष्ट्रमण्डलीय देशों के नागरिक, यदि वे भारत में ही रहते हों या भारत सरकार की नौकरी कर रहे हों । आवेदन पत्र देकर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं ।
4 देशीकरण द्वारा
किसी भी देश का विदेशी नागरिक भी निम्न शर्तों को पूरा करने पर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं ।
i वह किसी ऐसे देश का नागरिक न हो जहां भारतीय देशीयकरण द्वारा नागरिक बनने से रोक दिए जाते हों ।
ii वह अपने देश की नागरिकता का परित्याग कर चुका हो और केन्द्रीय सरकार को इस बात की सूचना दे दी हो ।
iii वह आवेदन देने के पूर्व कम-से-कम एक वर्ष से लगातार भारत में रह रहा हो ।
iv वह उपरोक्त एक वर्ष से पहले कम-से-कम 5 वर्षों तक भारत में रह चुका हो या भारत सरकार की नौकरी में रह चुका हो अथवा दोनों मिलाकर 7 वर्ष हो पर किसी हालत में 4 वर्ष से कम समय न हो ।
उसका आचरण अच्छा हो ।
वह भारत की किसी प्रादेशिक भाषा या राजभाषा का अच्छा जानकार हो ।
संविधान में ऐसे व्यक्ति को विशेष छूट दी गई है, जो दर्शन, विज्ञान, कला, साहित्य विश्वशान्ति या मानव विकास के क्षेत्र में विशेष कार्य कर चुका हो । उपरोक्त श्रेणी के व्यक्तियों को संविधान में निर्दिष्ट शर्तों को पूरा किए बिना भी नागरिकता प्रदान की जा सकती है ।
5 भूमि विस्तार द्वारा
यदि किसी नवीन क्षेत्र को भारत में शामिल किया जाए तो वहां की जनता को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो जाएगी । जैसे 1961 में गोवा को भारत में शामिल किए जाने पर वहां की जनता को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो गई ।
तो दोस्तों ये थी भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 संबंधित नागरिकता व्यवस्था । अगर Post अच्छी लगी हो तो जानकारी को अपने दोस्तों के साथ ज़रूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!