Directors of Constitutional Committee
Hello दोस्तो ज्ञान उदय में आपका स्वागत है । आज हम जानेंगे भारतीय संविधान में समितियाँ और उनसे संबंधित अध्यक्ष के बारे में । (Directors of Constitutional committees in hindi) । इसमें हम जानेंगे संविधान समिति और संविधान प्रारूप समिति में क्या अंतर है ? और साथ ही साथ जानेंगे संविधान के मूल रचियता और निर्माता के बारे में । तो चलिए जानते हैं, आसान भाषा में ।
संविधान की 10 समितियां हैं और इन अलग अलग समितियों के अध्यक्ष भी अलग अलग थे । आज हम जानेंगे संविधान समिति और प्रारूप समिति के बारे में । हालाँकि लोग प्रारूप समिति को संविधान की समिति मानते हैं । जबकि प्रारूप समिति सविंधान समिति की 10 समितियो में से एक समिति थी, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे । आइये अब जानते हैं, प्रमुख समितियों और इनके अध्यक्षों के बारे में जो निम्नलिखित हैं ।
1) नियम समिति – डॉ. राजेंद्र प्रसाद
2) संघ शक्ति समिति – पंडित जवाहर लाल नेहरू
3) संघ संविधान समिति – पंडित जवाहर लाल नेहरू
4) प्रांतीय संविधान समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
5) संचालन समिति – डॉ. राजेंद्र प्रसाद
6) प्रारूप समिति – डॉ. भीमराव अम्बेडकर
7) झण्डा समिति – जे. बी. कृपलानी
8) राज्य समिति – पंडित जवाहर लाल नेहरू
9) परामर्श समिति – सरदार वल्लभ भाई पटेल
10) सर्वोच्च न्यायालय समिति – एस. वारदाचारियार
इसके अलावा कुछ उपसमितियां भी थी जो इस प्रकार हैं ।
१) मूल अधिकार उपसमिति – जे. बी. कृपलानी
२) अल्पसंख्यक उपसमिति – एच. सी. मुखर्जी
३) संविधान समीक्षा आयोग – एम एन बैक्टाचेलेया
इन समितियों के बनने के बाद संवैधानिक सलाहकार बेनेगल नरसिह राव (बी. एन. राव ) ने संविधान का प्रथम प्रारूप तैयार किया । इस प्रारूप में 243 अनुच्छेद और 13 अनुसूचियां थी । 29 अगस्त 1947 को 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया था । जिसमें डॉ भीमराव अंबेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया ।
संविधान के प्रारूप पर 165 बैठको हुई । जिनमें से केवल 114 दिन तक चर्चा चली । प्रारूप समिति का कार्य मुद्दों पर बहस (Debate) करना होता था । अनेको संशोधनों के बाद इस तरह से अन्ततः संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां बनाई गईं ।
संविधान को पूरी तरह बनने में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा ।
संविधान के मूल रचियता
संवैधानिक सलाहकार बेनेगल नरसिह राव (बी. एन. राव ) को भारतीय संविधान के मूल रचियता माने जाते है । बी एन राव संविधान समिति में सबसे योग्य और अनुभवी व्यक्ति थे । इन्होंने बर्मा का संविधान भी तैयार किया था । कलकत्ता के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से रिटायर होकर जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया । इनको अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग के स्थायी न्यायाधीश होने का गौरव प्राप्त था, जो संयुक्त राष्ट्र (UNO) का प्रमुख न्यायिक अंग है ।
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संविधान के निर्माता
भारत को संविधान देने वाले व्यक्ति डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ । निम्न जाति का होने के कारण बचपन से ही भेदभाव होने के कारण उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा । अगस्त 1930 में एक शोषित वर्ग सम्मेलन के दौरान अम्बेडकर ने अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा जिसमे उन्होंने शोषित वर्ग की सुरक्षा की बात की ।
अम्बेडकर एक अद्वितीय विधमान थे और अपने विवादस्पद विचारों के लिए प्रमुख थे । 15 अगस्त 1947 में आज़ादी के बाद कांग्रेस की तरफ से पहले कानून मंत्री के रूप में देश की सेवा की । 29 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के नए संविधान रचना के लिए संविधान सभा द्वारा बनाई गई प्रारुप समिति का अध्यक्ष बनाया गया । इस तरह से 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया ।
डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों को पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।
तो दोस्तों ये था संविधान की समितियों और उनके अध्यक्षों के बारे में । अगर post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद ।।