Collective Security in International Politics
Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, अंतरराष्ट्रीय राजनीति विज्ञान में सामूहिक सुरक्षा (Collective Security) के बारे में । इस Topic में हम जानेंगे सामूहिक सुरक्षा का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और उसके मूल्यांकन के बारे में । तो जानना शुरु करते हैं, सामूहिक सुरक्षा की प्रासंगिकता के बारे में आसान शब्दों में ।
सामूहिक सुरक्षा का अर्थ
राष्ट्रीय राजनीति में सामूहिक सुरक्षा को शक्ति प्रबंधन का एक आधुनिक साधन या उपकरण माना जाता है । जो अंतरराष्ट्रीय राजनीति में शांति व्यवस्था स्थापित करने का या फिर बाहरी देशों द्वारा आक्रमण को रोकने के एक साधन के रूप में अपना विशेष महत्व रखता है । साधरण शब्दों में कहा जाए तो सामुहिक सुरक्षा दूसरे देशों द्वारा आक्रमण को एकत्रित रूप में रोकने की व्यवस्था है ।
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सामूहिक सुरक्षा का मुख्य उद्देश्य सभी राष्ट्र एक साथ मिलकर संभावित आक्रमण का विरोध करने के लिए तैयार रहते हैं और उनमें से किसी एक राष्ट्र के ऊपर होने वाले आक्रमण को सभी राष्ट्रों पर किया गया आक्रमण समझा जाएगा और सामूहिक रूप से सभी राष्ट्र संगठित होकर उस आक्रमण का मुकाबला करेंगे । सामूहिक सुरक्षा के अंतर्गत यह माना जाता है कि शांति तथा सुरक्षा बनाए रखना सभी राष्ट्रों का साझा हित है और एक राष्ट्र पर नहीं बल्कि इसकी जिम्मेदारी सभी राष्ट्रों की है । इसकी मूल धारणा सभी देशों में शांति और सुरक्षा बनाये रखना है ।
सामूहिक सुरक्षा की परिभाषाएं
आइए अब जानते हैं सामूहिक सुरक्षा की परिभाषाओं के बारे में । बहुत सारे राजनीतिक विचारकों ने सामूहिक सुरक्षा पर अपने विचार प्रकट किए हैं । अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सामूहिक सुरक्षा का मूल सिद्धांत यह है कि
“एक सबके लिए और सब एक के लिए । One for all and All for one.”
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जॉर्ज श्वार्जनबर्गर के अनुसार-
“सामूहिक सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के विरुद्ध आक्रमण को रोकने तथा उसके विरुद्ध क्रिया करने के लिए किए गए संयुक्त कार्यों का यंत्र है ।”
पामर एवं पर्किन्स के अनुसार-
“सामूहिक सुरक्षा का स्पष्ट अर्थ है शांति । मतलब खतरों से निपटने के लिए सामूहिक उपाय करना ।”
जैकब एंड एथेर्टन के अनुसार-
“सामूहिक सुरक्षा राज्यों के बीच के पारस्परिक आश्वासन समझौता है । प्रत्येक राष्ट्र एक दूसरे और सभी राष्ट्रों की सुरक्षा की गारंटी देता है और इसकी गारंटी की वजह से उसे अपनी सुरक्षा की गारंटी भी मिलती है ।”
सामूहिक सुरक्षा की आधारभूत मान्यताएं
आइए बात करते हैं सावन सुरक्षा की मूलभूत अवधारणाओं के बारे में । इस प्रकार से सामूहिक सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय राजनीति की एक व्यापक अवधारणा है । जिसके अनुसार सभी राष्ट्र एक स्पष्ट बंधन में बंधे होते हैं । जिसके अंतर्गत किसी राज्य द्वारा की गई अकस्मात कार्यवाही के लिए उसका उचित उत्तर देने के लिए वचनबद्ध होते हैं ।
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1) सामूहिक सुरक्षा में शामिल राष्ट्रों के पास पर्याप्त मात्रा में शक्ति होनी चाहिए । ताकि किसी भी आक्रमणकारी में युद्ध करने का साहस न हो और यदि करें भी तो उसकी हार सुनिश्चित हो ।
2) सभी राष्ट्रों की सुरक्षा संबंधी धारणाएं नीतियां और मान्यताएं समान होनी चाहिए, जिन्हें सामूहिक रूप से आक्रमण का मुकाबला करना है ।
3) सामूहिक सुरक्षा में शामिल राष्ट्र अपने विरोधी राजनीतिक देशों को सबके सुरक्षा के हित में छोड़ने के लिए तैयार होना चाहिए ।
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4) किसी भी आक्रमण या संघर्ष में सभी राष्ट्र इस बात पर एक समान मत रखे कि आक्रमण करने वाला राज्य कौन है और इसका निर्णय करने में देर ना करें, ताकि प्रतिकार करने में आसानी रहे ।
5) सभी राष्ट्र आक्रमण को रोकने में समान रूप से रूचि रखते हैं । इसमें आपकी मित्रता दुश्मनी ना आवे आए ।
6) आक्रमणकारी राष्ट्र को छोड़कर शेष राष्ट्रों की सामूहिक शक्ति आक्रमण राष्ट्र के शक्ति से बहुत अधिक होगी ।
7) आक्रमणकारी को यह आभास हो जाएगा कि उसके विरुद्ध प्रयुक्त होने वाली शक्ति, उसकी शक्ति से कहीं अधिक है । तो आक्रमण राष्ट्रीय से युद्ध का विचार त्याग देगा और ऐसा नहीं किया था युद्ध में निश्चित रूप से उसकी हार होगी ।
सामूहिक सुरक्षा की विशेषताएं
आइये अब जानते है सामुहिक सुरक्षा की विशेषताओं के बारे में । शांति और सुरक्षा का प्रश्न सभी राष्ट्रों से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है कोई भी राष्ट्र अकेला किसी शक्तिशाली राष्ट्र के आक्रमण का मुकाबला नहीं कर सकता । इसी को ध्यान में रखकर सामूहिक सुरक्षा की धारणा अस्तित्व में आई है ।
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सामूहिक सुरक्षा शक्ति प्रबंध व अंतरराष्ट्रीय शांति सुरक्षा का साधन है । सामूहिक सुरक्षा किसी एक राष्ट्र की सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का भाग है । यह सभी राष्ट्रों के आक्रमण को समाप्त करने के लिए अपने इकट्ठे साधन जुटाने के लिए तत्पर रहते हैं । सामूहिक सुरक्षा में शांति व सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है । यह व्यवस्था एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के अस्तित्व को आवश्यक समझती है यह एक प्रकार से निवारक व्यवस्था है । सामूहिक सुरक्षा के द्वारा शत्रु या दूसरे देशों द्वारा आक्रमण की व्यवस्था की जाती है ।
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राष्ट्र संघ और संयुक्त राष्ट्र दोनों में सामूहिक सुरक्षा की भावना विद्यमान रहती है । राष्ट्र संघ में घोषित रूप से सामूहिक सुरक्षा की बात की गई थी लेकिन राष्ट्र संघ अपनी संस्थागत और संचालक की कमजोरियों के कारण इस उद्देश्य में सफल नहीं हो सका । संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा के लिए बेहद प्रयत्नशील है लेकिन कोरिया संकट, स्वेज नहर विभाग में इसकी व्यवहारिक कमियां सामने आई लेकिन यूएनओ के शांति स्थापना प्रयासों की वर्तमान स्थिति काफी संतोषजनक है ।
सामूहिक सुरक्षा का मूल्यांकन
वर्तमान परिवेश में यह माना जाता है कि किसी सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था एक पुराना सिद्धांत हो चुका है, लेकिन वाल्टर लिफ्टमैन ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि
“सामूहिक सुरक्षा का सिद्धांत सामूहिक नहीं है तथा यह सुरक्षा प्रदान नहीं करता ।”
परंपरागत युद्ध में तो यह प्रसांगिक था । लेकिन परमाणु युग में यह असंभव सा जान पड़ता है । वर्तमान में युद्ध के तरीके बदल चुके हैं । जैसे साइबर युद्ध, करेंसी वार, बायोलॉजिकल वेपन आदि । ऐसे में सुरक्षा प्रत्येक राष्ट्र का अपना निजी मामला बन गया है । वर्तमान में राष्ट्रपति समझोतो तथा वार्ताओं द्वारा शांति में संलग्न हैं, क्योंकि युद्ध से स्थाई शांति नहीं लाई जा सकती । इसलिए कहा जा सकता है कि सामूहिक सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय शांति का सही समाधान नहीं कहा जा सकता ।
तो दोस्तों यह था आपका सामूहिक सुरक्षा जिसमें हमने जाना इसका अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और मूल्यांकन के बारे में । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें तब तक के लिए धन्यवाद !!