जनमत या लोकमत क्या है ? Public Opinion अर्थ, विशेषताएं, महत्व एवं निर्माण के साधन

What is Public Opinion ? Meaning, definition, merits, importance and its sources

Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान के अंतर्गत जनमत (Public Opinion) के बारे में । जनमत को अंग्रेजी में पब्लिक ओपिनियन के नाम से जाना जाता है । आज हम जानेंगे इसका अर्थ, इसकी विशेषताएं, इसकी परिभाषा, महत्व और इसके निर्माण के साधन के बारे में। तो चलिए जानते हैं, आसान भाषा में ।

जनमत का अर्थ (Meaning of Public Opinion)

जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन ही जनमत कहलाता है । जैसा कि अब्राहम लिंकन द्वारा कहा जाता है । लोकतंत्रात्मक सरकार के लिए जनमत अनिवार्य है, जनमत ही अन्य प्रकार के शासन व्यवस्थाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । सरकार का स्वरूप चाहे एक तंत्रआत्मक हो, राजतंत्रआत्मक हो, शासन के लिए जनमत होना अत्यंत आवश्यक है ।

“जनमत से अभिप्राय जनता का ऐसा मत जिसका उद्देश्य लोकहित या लोक कल्याण करना है ।”

शासन का कर्तव्य यह है कि वह अपने राज्य की जनता और उसके शासन के बारे में क्या समझती है ? अन्यथा वह शासन के प्रति अपने कर्तव्य करने में सफल है या नहीं है, यदि किसी देश में विदेशी सरकार हो तो उसके लिए भी लोकमत का ज्ञान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है । क्योंकि जनमत ज्ञान के बिना वह अपना शासन नहीं बना सकता है । विदेशी शासन लोकमत के बिना अधिक समय तक नहीं चल सकता है । भारत में अंग्रेजी राज्य इस बात का प्रमाण है ।

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लोकमत की परिभाषा

आइए अब जानते हैं, लोकमत या जनमत की सामान्य परिभाषाओं के बारे में, जैसा कि आप जानते हैं, ह्यूम के अनुसार

“सभी सरकारी चाहे कितनी भी दूषित क्यों ना हो अपनी शक्ति के लिए जन्नत पर निर्भर होती हैं ।”

इस प्रकार से लोकतंत्र में जन्म की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है लेकिन कोई भी शासन व्यवस्था हो उसके लिए जन्नत अनिवार्य तत्व माना जाता है ।

ब्राइस के अनुसार

“जनमत मनुष्य के विभिन्न दृष्टिकोण के उस समग्रता को कहते हैं, जो सार्वजनिक हित से संबंधित हो ।”

सोलताऊ के अनुसार

“जनमत का प्रयोग उन इच्छाओं तथा विचारों के लिए किया जाता है, जो जनता अपने सामान्य जीवन के संबंध में रखती है ।”

जनमत की विशेषताएं

आइए अब जानते ही जन्नत की विशेषताओं के बारे में । इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है ।

1) जनमत व्यक्ति विशेष नहीं है ।

जनमत का संबंध किसी एक व्यक्ति से नहीं होता है या किसी विशेष से नहीं होता बल्कि इसका संबंध तो सार्वजनिक व्यक्तियों से होता है । जनमत एक व्यक्ति पर आधारित न होकर इसका समावेश सार्वजनिक होता है ।

2) महत्वपूर्ण या प्रभावशाली से परे

दूसरी विशेषता यह है कि किसी यह महत्वपूर्ण या प्रभावशाली विशेष का जनमत नहीं है । जनमत किसी एक या अधिक व्यक्तियों का महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह तो लोगों के समूह का जनमत होता है ।

3) सार्वजनिक हित का समर्थन

तीसरा यह बहुमत या सामूहिक मत भी नहीं है, जनमत सभी के हितों का समर्थन करता है ।

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सार्वजनिक हित जनमत विशेषता में जो सार्वजनिक है जन्म सार्वजनिक हित से ।

4) परिवर्तनशील

जनमत की एक विशेषता यह है कि यह स्थायी अवधारणा नहीं है,  क्योंकि कभी-कभी जो मुद्दा आज सर्वजनिक से संबंध रखता है । वह कल नहीं रख सकता । मुद्दे तो हमेशा परिवर्तनशील है, समय के साथ-साथ यह बदलता है ।

5) सभी के लिए एकसमान निर्णय

इसकी पांचवीं विशेषता यह है कि जनमत की शक्ति महान होती है । जिसके अंतर्गत कोई निर्णय व्यक्ती विशेष के  लिए नहीं होता । इससे य़ह स्पष्ट है कि य़ह सार्वजनिक निर्णय के रूप में लिया जाता है ।

जनमत निर्माण के साधन

अभी हमने जनमत की विशेषताओं के बारे में जाना।  अब हम जानेंगे जनमत के निर्माण में कौन-कौन से साधन प्रयोग किए जाते हैं । जनमत का निर्णय किसी एक निश्चित समय में बैठ कर लिया गया निर्णय नहीं है । यह एक सार्वजनिक विचारधारा है, जो कि किसी सार्वजनिक स्थिति में धीरे-धीरे बढ़ता है । विचार विमर्श के अनुसार यह उभरता है तथा एक सामान्य हित के विचार के रूप में यह स्वीकार किया जाता है । देखते हैं कि जनमत के कौन-कौन से साधन हैं ।

1 विचारों का आदान-प्रदान

जनमत को सार्वजनिक वाद विवाद के नाम से जाना जाता है । इस विषय पर कुछ विचार उत्पन्न होते हैं, जो चर्चा का विषय बनते हैं । जो लोगों द्वारा परस्पर विचार विमर्श होता है।  इस प्रकार के विचारों के आदान-प्रदान से उच्च विचार पर एक जनमत के अंतर्गत पक्ष और विपक्ष तैयार किया जाता है और किसी निश्चित स्थान पर पहुंचते हैं । विचारों के आदान-प्रदान के अंतर्गत सार्वजनिक वाद विवाद होता है । इस पर तर्क वितर्क होते हैं और फिर महत्वपूर्ण व विवेकपूर्ण निर्णय लिया जाता है ।

2 प्रेस तथा समाचार पत्र

वर्तमान समय में समाजवाद, समाचार पत्र जनमत के निर्माण का एक महत्वपूर्ण साधन है । इसके अंतर्गत देश विदेश की समस्याएं बताई जाती हैं और इन समस्याओं के संबंध में विभिन्न प्रकार के विचार विमर्श होते हैं।  इन विचारों के आधार पर समाज में किसी सार्वजनिक विषय या किसी संबंध में जनमत तैयार होता है।  इस प्रकार से देखे तो प्रेस और समाचार पत्र जनमत तैयार करने में सहायक है ।

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3 रेडियो,  टेलीविजन तथा सिनेमा

रेडियो, टेलीविजन व सिनेमा जनमत के प्रमाण है, वर्तमान समय में सभी तरह के विचारों को समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन पर दिखाया जाता हैं । हर पार्टी के राजनीतिक व्यक्तियों, नेताओं के विचारों और समस्याओं को रखा जाता है तथा उनकी समस्याओं के हल को खोजने का प्रयास भी किया जाता है और लोग उनके विचारों से अवगत होते हैं । इन विषयों पर लोग स्वयं विचार करते हैं और इस तरह से एक जनमत का निर्माण होता है ।

4 मंचीय सार्वजनिक भाषण

तो वर्तमान में सार्वजनिक सभाओं में राजनेताओं के द्वारा भाषण देना सामान्य होता है । यह भाषण हजारों लाखों लोगों तक पहुंचता है । मंच से विचारों द्वारा जनता को अवगत कराया जाता है और तथा मंच पर विभिन्न समस्याओं पर विचार करने के लिए उनको प्रेरित किया जाता है । राजनेता सार्वजनिक रूप से भाषण देते हैं और अपने तथा अपने दल की नीतियों से लोगों को अवगत कराते हैं और विचार-विमर्श करते हैं । इस प्रकार से भी जनमत निर्माण होता है ।

5 शिक्षण संस्थाएं

शिक्षण संस्थान भी जनमत के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । समय-समय पर स्कूल कॉलेजों में कई विषयों को लेकर वाद विवाद होता है तथा चर्चा होती है । पढ़ने के दौरान भी शिक्षक विद्यार्थियों को कई सारे समस्याओं से अवगत कराते हैं तथा उनको हल करने का सुझाव भी आदान-प्रदान किया जाता है । इसी प्रकार से समय-समय पर बाहरी विद्वान तथा राजनेता भी स्कूल में कॉलेज और शिक्षण संस्थाओं में आकर अपने विचारों को रखते हैं ।

6 धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाएं

समय-समय पर अनेक धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाएं धर्म से संबंधित धार्मिक और सामाजिक संस्था प्रचार और समाज सुधार के लिए प्रचार करते हैं और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं । यह सब धार्मिक व सामाजिक विचारों तक ही सीमित न रहकर और इस संबंध में अपने अपने विचारों व अन्य मुद्दों से अवगत कराते हैं और स्वयं भी अपने विचार व्यक्त करते हैं ।

7 साहित्यकार लेखक व कवि

साहित्य के महत्वपूर्ण साधन लेखक, कवि, नाटककार, कहानीकार अपने अपने विशिष्ट विधाओं के माध्यम से जन जागरण करते हैं । एक कहावत य़ह भी है कि कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली होती है । जो काम बड़ी सेना नहीं कर सकती, उस काम को लेखक या कवि अपनी कलम से कर देते हैं ।

8 संसद

इसके अलावा जनमत के निर्माण में जो सहायक है, वह है संसद । व्यवस्थापिका के विभिन्न सभाओं में अनेक विषयों पर बहस होती है । परस्पर विरोधी विचार व्यक्त किए जाते हैं । यह विचार समाचार पत्र में रेडियो टेलीविजन पर प्रसारित होते हैं । जनता इन विचारों से अवगत होती है और अपने अपने विचारों को निर्धारित करती है । इस प्रकार जनमत तैयार होता है ।

जनमत निर्माण में बाधाएं

आइए अब जानते हैं, स्वस्थ जनमत के निर्माण में कौन-कौन सी बाधाएं उत्पन्न होती हैं । जिनके कारण जनमत का निर्माण सही तरीके से निर्माण नहीं हो पाता है । किसी भी देश की उन्नति और सफलता के लिए स्वस्थ जनमत का होना बहुत ही जरूरी है।  स्वस्थ जन्नत का मतलब होता है, वह जनमत जो विकृत ना हो, द्वेष और पक्षपात की भावना से ऊपर उठकर जन की बात करे व जन कल्याण की भावना से प्रेरित हो । उसे ही स्वस्थ जनमत कहते हैं ।

स्वस्थ जनमत के निर्माण में अनेकों बाधाओं को बताया जा सकता है।  जैसे कि शिक्षा का अभाव । यह जनमत के निर्माण में बहुत बड़ी बाधा है । जब तक व्यक्ति शिक्षित नहीं होंगे तो वह वाद-विवाद नहीं कर सकेंगे, ना ही किसी मुद्दे को या समस्या को समझ सकेंगे । इसी तरह से अज्ञानता है । साथ साथ गरीबी, आर्थिक विषमता और व्यक्तियों में राजनीतिक उदासीनता तथा भ्रष्ट राजनीतिक दल भी कई ऐसे कारक हैं, जो कि स्वस्थ जनमत के निर्माण में बाधा को उत्पन्न करता है ।  इसी प्रकार से प्रेस तथा मीडिया का पक्ष पूर्ण होना भी तथा जातिवाद तथा सांप्रदायिकता से परे होना चाहिए ।

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वर्तमान समय में एक दूसरी जाति को गलत ठहराया जाता है ।  जिसके कारण की वर्तमान समय में अनेक राजनीतिक दल के आधार पर अलग-अलग जातियों को जातिवाद संकीर्णता की दलदल में धकेल रहे हैं । एक दूसरी जाति के बीच कटुता और इसी प्रकार से कुछ राजनीतिक दल धर्म और संप्रदाय क्षेत्र को आधार बनाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं और उन्हें संकीर्ण विचार दे रहे हैं । ऐसे संकुचित विचार वाले नेताओं से अच्छे जनमत के निर्माण की आशा करना व्यर्थ है ।

जनमत का महत्व

आइए अब जानते है जनमत या public opinion के महत्व के बारे में । जो कि निम्नलिखित हैं ।

1 शासन पर नियंत्रण

वर्तमान में लोकतंत्र के अंतर्गत सरकार की निरंकुशता तथा गलत कार्यों पर जनमत का ही अंकुश होता है ।  यदि सरकारे कुछ गलत कार्य करती है तो उसकोअगले निर्वाचन में भी जनमत का सामना करना पड़ेगा । इसी प्रकार से जनमत से शासन पर नियंत्रण बना रहता है ।

2 जनता के प्रतिनिधियों द्वारा शासन

लोकतंत्र में व्यवस्थापिका और कार्यपालिका के अंतर्गत जो सदस्य होते हैं, वह जनता के प्रति उत्तरदाई होते हैं । इसलिए उनको जनता की रुचि तथा रुचि को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने होते हैं तथा शासन करना पड़ता है ।

3 जनहित के कार्य

जनहित या जन कल्याण के कार्य सरकार लोक कल्याण के लिए करती है । य़ह कार्य इसलिए करती है क्योंकि वह जनमत का प्रतिनिधित्व करते हैं । जनता अपने हित के लिए या अपने उद्देश्य पूर्ति के लिए अपने प्रतिनिधित्व को भेजती है । जो सांसद जन कल्याण के प्रति अच्छे होते हैं, जनता चुनती है तथा भेजती है ।

4 शासन को निर्देश

जनमत समय समय पर अपने विचारों के द्वारा निर्देश देती होती है तथा शासन के नीति निर्धारण में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संकेत भी करती है ।

5 सामजिक निर्णयन

तो जनमत के द्वारा सामाजिक नियंत्रण का अभाव जो उत्पन्न होता है, सामान्य जनता चमक के भय के कारण सामाजिक कार्य और आचरण नहीं करती है ।

6 शैक्षणिक महत्व

यदि किसी देश का जनमत स्वस्थ होगा । तो वह देश के विकास में अच्छे से योगदान देगा।  वह अच्छे योग्य तथा अच्छे शिक्षक की भूमिका भी निभा सकता है । यह एक सामाजिकरण की सशक्तिकरण महत्व है, मनुष्य को समाज के हिसाब से ढालने के लिए और अच्छे नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होता है ।

7 सामाजिक तथा नैतिक मूल्यों का मापन

जनमत समाज के लिए और जो नैतिक मूल्यों हैं उनका मापदंड भी तैयार करता है । समाज के लिए क्या उचित है और क्या अनुचित है । इसका मूल्यांकन जनमत के द्वारा ही होता है ।

निष्कर्ष

लोकतंत्र के वास्तविक स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए जनमत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । लोकतंत्र में जनमत की भूमिका और भी बढ़ जाती है,  लेकिन हमने जाना कि उसकी कोई भी शासन व्यवस्था इसमें जनमत तैयार करने के लिए बनाया जाए ताकि अगली बार उनको सत्ता में लाया जा सके । स्वस्थ जनमत के अभाव में लोकतंत्र का व्यवहारिक रूप विकसित हो सकता है । यदि जनमत को सार्थक होना है, तो उसको सुबह से तथा स्पष्ट होना चाहिए । इसलिए कहा जाता है कि सतर्क व सुविज्ञ जनमत जनतंत्र का आवश्यक तत्व है ।

दोस्तों इस Post में हमने जाना जनमत का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और इसके निर्माण के मुख्य साधन साथ ही साथ हमने इसके महत्व के बारे में जाना । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । तब तक के लिए धन्यवाद ।।

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