भारतीय राजव्यवस्था में वरीयता अनुक्रम

Hello दोस्तो ज्ञान उदय में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं, भारतीय संविधान के अंतर्गत राजव्यवस्था में विभिन्न पदाधिकारियों का वरीयता अनुक्रम के बारे में । जैसा कि हम जानते हैं, व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है । व्यक्ति ही समाज, शहर, राज्यों और देश, विदेशों में निवास करते है । देश को सरकार के विभिन्न अंगों द्वारा चलाया जाता है ।

सरकार के इन ही अंगों में राजव्यवस्था भी शामिल है, और इस व्यवस्था में विभिन्न पद होते है, जो देश को सुचारू रूप से चलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । राजव्यवस्था के विभिन्न अधिकारियों के पद इस प्रकार है ।

1) राष्ट्रपति,

राष्ट्रपति को देश का प्रथम नागरिक माना जाता है । यह देश में सर्वोच्च पद वाला स्थान है । यह देश के गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते है । यह सभी सेनाओं के अध्यक्ष भी होते है ।

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2) उपराष्ट्रपति,

राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद कार्यक्षेत्र में दूसरे स्थान का संवैधानिक सबसे बड़ा पद होता है ।

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3) प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री राष्ट्रपति तथा मंत्रिपरिषद का प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्यरत पद होता है  ।

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4) राज्यों के राजपाल, अपने राज्यों में

राज्यपाल हरेक राज्य का होता है । वह राज्य के संबंध में मुख्यमंत्री से राज्य की गतिविधियों की जानकारी मांग सकता है । राज्य सरकार में महत्वपूर्ण नियुक्ति जैसे महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग अध्यक्ष आदि, राज्यपाल द्वारा की जाती हैं ।

5) भूतपूर्व राष्ट्रपति

भारत में विभिन्न पदाधिकारियों वरीयता क्रम के अनुसार यह सूचीबद्ध है । यह एक प्रोटोकॉल है जो राष्ट्रपति के कार्यलय के माध्यम द्वारा जारी किया जाता है । उनको भी की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं ।

5 क) उप प्रधानमंत्री

6) भारत का मुख्य न्यायधीश तथा लोक सभाध्यक्ष

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7) केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री अपने-अपने राज्यों में, योजना आयोग का उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री तथा संसद के विपक्ष का नेता

7 क) भारत रत्न सम्मान के धारक

8) राजदूत

9) उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश

9 क) मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक

10) राज्य सभा का उपसभापति लोक सभा का उपाध्यक्ष, योजना आयोग के सदस्य तथा केंद्र में राज्यमंत्री

भारत रत्न एकमात्र ऐसा पुरस्कार है जिसे वरीयता अनुक्रम में स्थान दिया गया है ।

नोट: मुख्य चुनाव आयुक्त शेषन के आग्रह पर सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त को (9)क की स्थिति प्रदान की है, यानी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समकक्ष दर्जा (यह संशोधन अगस्त में किया गया) |

तो दोस्तो ये था भारतीय राजव्यवस्था में पदानुसार वरीयता । अगर Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर Share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

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