Political Theory: Reasons for arise
Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान में राजनीति सिद्धांत के उदय के कारणों के बारे में । राजनीति के सिद्धान्त के बारे में पहले ही बता चुके हैं । अगर आप राजनीति सिद्धांत के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Link पर Click करके जान सकते हैं ।
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सिद्धान्तों की आवश्यकता व्यक्ति जी रोज़मर्रा की ज़िंदगी के लिए बहुत आवश्यक है । इन सिद्धांतों के द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान किये जाते हैं । राजनीति के सिद्धांत समाज की रोज़मर्रा की समस्याओं के समाधान में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं । इसलिए राजनीति विज्ञान में इन सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है ।
“राजनीति का असली मतलब है, निर्णय लेने की प्रक्रिया ।”
राजनीति में निर्णय लेने की प्रकिया सार्वभौमिक है, यानी सभी जगह एक समान होती है । उल्लेखनीय है कि उथल पुथल तथा संकट के काल में राजनीतिक सिद्धांत का उदय हुआ था । यूनान, इंग्लैंड तथा फ्रांस में राजनीतिक दर्शन का उदय विभिन्न युगों के सामाजिक, राजनीतिक उथल-पुथल तथा संकट के कारण हुआ ।
राजनीति सिद्धान्त के उदय के कारण
कहते हैं, आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है । इसी तरह निम्लिखित कारण दिए गए है जिनके द्वारा राजनीतिक सिद्धांतों का उदय होता है ।
1) प्लेटो के समय यूनान में एक अस्थाई तथा निरंकुश शासन उत्पन्न हो गया था तथा वहां पर व्यक्तियों पर मनमाना आरोप लगाकर दंडित किया जाता था । प्लेटो ने इसी समस्या के समाधान के लिए अपने न्याय का सिद्धांत दिया तथा आदर्श राज्य की कल्पना की ।
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2) अरस्तु के समय शासन में स्थायित्व नहीं रह गया था । शासकों में बार-बार सत्ता परिवर्तन हो रहा था । जिससे वहां घोर संकट की स्थिति पैदा हो गई थी । इसी के समाधान के लिए उसने अपने क्रांति का सिद्धांत दिया तथा उन कारणों की खोज की जिसके कारण क्रांतियां होती हैं । आज भी क्रांतियों के वही कारण स्वीकार किए जाते हैं । जिसकी चर्चा अरस्तू ने कई शताब्दी पहले ही कर दी थी ।
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3) 16वी शताब्दी में इंग्लैंड में राजतंत्र और संसद में भयंकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई तथा वहां अशांति, कलाह और गृहयुद्ध की परिस्थितियां उत्पन्न हो गई । इसी को दूर करने के लिए हॉब्स ने राजतंत्र की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए निरंकुश राजतंत्र का समर्थन किया और स्पष्ट किया कि शांति तथा व्यवस्था स्थापित करने के लिए सर्वोत्तम शासन निरंकुश राजतंत्र ही है ।
4) कार्ल मार्क्स ने वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था की भयंकर संकट को महसूस किया तथा महसूस किया कि पूंजीपति वर्ग श्रमिकों का शोषण कर रहा है । जिसके कारण सर्वहारा वर्ग की स्थिति और भी कमजोर होती जा रही थी । अपने ग्रंथ दास कैपिटल के माध्यम से उसने वैज्ञानिक समाजवाद के अनेक सिद्धांतों का निर्माण किया तथा पूंजी पतियों के शोषण को सबके समक्ष प्रस्तुत किया । वह एक राज्य है तथा क्षमता युक्त वर्ग ही समाज की स्थापना का पक्षधर था ।
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5) वर्तमान में विश्व में अनेक प्रकार की सामाजिक राजनीतिक उथल-पुथल तथा संकट विद्वान है । जैसे खाद्य संकट, जल संकट, जनसंख्या विस्फोट, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग तथा अन्य पर्यावरणीय समस्याएं । परंतु आश्चर्यजनक रूप से यह आज राजनीतिक दर्शन में किसी नए पहल के संकेत नहीं मिल रहे हैं ।
जिस तरह प्राचीन काल में अनेकों समस्याएं आयी । जिनको खत्म करने के लिए अनेक विद्वानों ने राजनीतिक सिद्धांतों का प्रतिपादन किया । इसी तरह
आज की समस्याओं का निदान राजनीतिक सिद्धांत के माध्यम से किया जा सकता है । परंतु राजनीतिक विचारक इन समस्याओं पर शांत है तथा किसी भी नए सिद्धांत का सृजन नहीं हो रहा है । जिनके कारण राजनीतिक सिद्धांतों का पतन हो रहा है ।
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तो दोस्तों ये था आपका राजनीतिक सिद्धान्त के उदय और उसके कारण । अगर Post अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर Share करें ।
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