संसद की प्रमुख समितियां

Parliamentary Committees

Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे, भारत में संसद की प्रमुख समितियों (Important Committees of Parliament in hindi) के बारे में । इस Post में हम जानेंगे संसद की विभिन्न समितियों, उनके उद्देश्य और उनके कार्यों के बारे में, तो जानते हैं, आसान भाषा में ।

समिति का अर्थ और उद्देश्य

भारतीय संसद का अधिकतर कार्य सभा की समितियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें संसदीय समितियां कहा जाता है । संसदीय समिति से तात्पर्य उस समिति से है, जो सभा द्वारा नियुक्त या निर्वाचित की जाती है अथवा अध्यक्ष द्वारा नाम-निर्देशित की जाती है । यह समितियां अध्यक्ष के निर्दशानुसार कार्य करती है और अपना प्रतिवेदन सभा को या अध्यक्ष को प्रस्तुत करती है । समिति का सचिवालय लोक सभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराया जाता है ।

संविधान समितियां और उनके अध्यक्ष के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

आइये अब जानते हैं, विभिन्न प्रकार की समितियों और उनके कार्यों के बारे में जो संसद के लिए कार्य करती हैं ।

1) प्राक्कलन समिति

i. इस समिति में लोक सभा के 30 सदस्य होते हैं । इसमें राज्य सभा के सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता है ।

ii. समिति के सदस्यों का चुनाव प्रत्येक वर्ष आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार अकाल संक्रमणीय मत के माध्यम से किया जाता है ।

iii. इसके सदस्यों का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है ।

iv. यह समिति सरकारी खर्च में कैसे कमी लाई जाए, संगठन में कैसे कुशलता लाई जाए, तथा प्रशासन में कैसे सुधर किए जाएं आदि विषयों पर  रिपोर्ट देती है ।

भारतीय निर्वाचन आयोग और परिसीमन आयोग के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

v. प्राक्कलन समिति के प्रतिवेतन पर सदन में बहस नहीं होती है, परन्तु यह समिति अपना कार्य वर्ष भर करती है और अपना दृष्टिकोण सदन के समक्ष रखती है ।

2) लोक लेखा समिति

i. यह समिति प्राक्क्लन समिति की तरह कार्य करती है । इस समिति में 22 सदस्य होते हैं । जिसमें 15 सदस्य लोक सभा द्वारा तथा 7 सदस्य राज्य सभा द्वारा एक वर्ष के लिए निर्वाचित किए जाते हैं ।

ii. 1967 से स्थापित प्रथा के अनुसार इस समिति के अध्यक्ष के रूप में विपक्ष के किसी सदस्य को नियुक्त किया जाता है ।

iii. लोक सभा समिति में राज्य सभा के सदस्यों को सह सदस्य माना जाता है तथा उन्हें मत देने का अधिकार प्राप्त नहीं है ।

लोक लेखा समिति का मुख्य कार्य

a) यह समिति भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा दिया गया लेख परीक्षण संबंधी प्रतिवेदनों की जांच करती है ।

नियंत्रक व महालेखा परीक्षक के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

b) भारत सरकार के व्यय के लिए सदन द्वारा प्रदान की गई राशियों का विनियोग दर्शाने वाली लेखों की जांच करना ।

c) संसद द्वारा प्रदान की गई धनराशि के अतिरिक्त व्यय किया गया हो, तो समिति उन परिस्थितियों की जांच  करती है, जिसके कारण अतिरिक्त व्यय करना पड़ा ।

d) समिति राष्ट्रपति के वित्तीय मामलों के संचालन में अप-व्यय, भ्रष्टाचार, अकुशलता में कमी के किसी प्रमाण को खोज सकती है ।

3) सरकारी उपक्रमों की समिति

i. इस समिति में 16 सदस्य होते हैं, जिनमें से 10 लोक सभा तथा 5 राज्य सभा द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व की अकाल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं.

ii. समिति का अध्यक्ष लोक सभा-अध्यक्ष द्वारा नामजद किया जाता है |

भारत में पंचायती राज व्यवस्था के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ Click करें ।

iii. इस समिति की निम्न कार्य हैं:

a) सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं की और उन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदनों की जांच करना ।

b) ऐसे विषयों की जांच करना, जो सदन या अध्यक्ष द्वारा निर्दिष्ट किए जाएं ।

4. कुछ अन्य मुख्य समितियां

i) कार्य मंत्रणा समिति

लोक सभा की कार्य मंत्रणा समिति में अध्यक्ष सहित 15 सदस्य होते हैं । लोक सभा का अध्यक्ष इसका पदेन अध्यक्ष होता है । राज्य सभा की कार्यमंत्रणा समिति में इसकी सभा का सभापति इसका पढ़ें सभापति होता है ।

ii) गैरसरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति

इसका गठन लोक सभा में किया जाता है । इस समिति में 15 सदस्य होते हैं । लोक सभा का उपाध्यक्ष इस समिति का अध्यक्ष होता है ।

iii) नियम समिति

लोक सभा की नियम समिति में लोक सभा अध्यक्ष सहित 15 सदस्य होते हैं, जबकि राज्य सभा की नियम समिति में सभापति एवं उपसभापति साहित 16 सदस्य होते हैं । लोक सभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के सभापति अपने-अपने सदन की समितियों के पदेन अध्यक्ष होते हैं ।

iv) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियों की कल्याण संबंधी समिति

इसमें 30 सदस्य शामिल किए जाते हैं । इसमें 20 लोक सभा तथा 10 राज्य सबह के सदस्य होते हैं ।

v) ग्रंथालय समिति

इस समिति में 9 सदस्य होते हैं, लोक सभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत 6 लोक सभा सदस्य तथा राज्य सभा के सभापति द्वारा मनोनीत 3 सदस्य शामिल किए जाते हैं । इस समिति का गठन प्रत्येक वर्ष किया जाता है ।

तो दोस्तो ये था, संसद की प्रमुख समितियों व उनके कार्यों के बारे में । अगर आपको यह Post अच्छी लगी हो तो दोस्तो के साथ ज़रूर share करें । तब तक के लिए धन्यवाद !!

Leave a Reply